मुनस्यारी: जहां हिमालय करता है आपकी अगुवानी
हिमालय को देखने, जीने और महसूस करने के लिए भला हिमालय जाने की जरूरत है? हम खुद हिमालय के वासी हैं. पहाड़, पेड़, जंगल, शीतल जल ये सब हमारे आसपास भी तो मौजूद है. दिसंबर से फरवरी के बीच हमें अपने आसपास ही बर्फ का दीदार हो जाता है. खूब मस्ती करते हैं. ठीक ऐसे जैसे छोटे बच्चे सावन की बरसात में उछलकूद करते दिखते हैं.
बेरीनाग से थल जाते हुए ये नजारे ध्यान खींच लेते हैं |
सुबह सवा आठ बजे हम चारों घर के ऊपर खड़े थे. बाया बाड़ेछीना, सेराघाट निकलने का तय हुआ. बाइक में सेल्फ लेकर चारों निकल पड़े. धौलछीना तक का सफर कोई नया नहीं था. चीड़ के वृक्षों के बीच सकरी सड़क से सफर आगे बढ़ा. हुलार में उतरते हुए यही कोई 11 बजे हम सेराघाट पहुंचे. वाहन से किसी व्यक्ति को आता देख ढाबे वालों के चेहरे खिल जाते हैं. आओ मच्छी-भात, मच्छी-भात..। यह आवाज आभास कर देती है कि आप सरयू तट पर पहुंच गए हैं. यह वही जीवनदायनी सरयू है जो बागेश्वर से सेराघाट होते हुए घाट-पनार की तरफ बढ़ते हुए आगे निकल जाती है. मच्छी के शौकीन सरयू की मच्छी को खास बताते हैं. यही वजह है कि यहां मच्छी के दाम अन्य जगह से अधिक हैं.
सेराघाट की तपती दोपहरी में सरयू के तट पर ली गई तस्वीर |
बेरीनाग से थल जाते समय सूर्योदय का नजारा |
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पंचाचुली की चोटी दूर से ही आकर्षित करने लगती है |
टिमटिया से मुनस्यारी जाते हुए ऐसे कई नजारें दिख जाते हैं |
बिर्थी फोल : ऐसा लगता है मानो जन्नत में पहुंच गए हैं |
क्वीटी से आगे ये चट्टान आपको डराने के साथ हौसला भी देते हैं |
कब आएं मुनस्यारी
वैसे तो मुनस्यारी का मौसम सालभर खुशनुमा रहता है लेकिन अप्रैल से मई और अक्तूबर से नवंबर भ्रमण के लिए उपयुक्त हैं। वसंत ऋतु में यहां की छटा देखने लायक होती है। जून, जुलाई में आने से बचना चाहिए, क्योंकि इन दो महीनों में यहां काफी बारिश होती है। जिससे कभी-कभी रास्ते बंद हो जाते हैं। नवंबर से फरवरी तक बर्फबारी का मजा ले सकते हैं।
पढ़ के बहुत अच्छा लगा। बिर्थी वाटरफॉल घूमने के लिए बहुत अच्छी जगह है। प्रकृति प्रेमी के लिए मेरा यह लेख भी है बिर्थी वाटरफॉल
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