
मारवाड़ी भाषा में छपवाया कार्ड
मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले अमन के पिता रामानंद अग्रवाल खटीमा आकर बस गए। किराना की दुकान चलाने वाले पिता के आग्रह पर शादी कार्ड को मारवाड़ी भाषा में तैयार किया गया। बीटेक की शिक्षा लेने वाले अमन ग्राफिक डिजाइनर वकविता लेखन का शौक रखते हैं और पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्यरत हैं।
स्टूडेंट्स को अभियान से जोड़ा
अमन प्राइवेट स्कूल में शिक्षक होने के साथ खुद का कोचिंग संस्थान चलाते हैं। संस्थान के 250 स्टूडेंट्स ने एक-एक गमले की सिल्वर पेपर से पैकिंग की। अमन बताते हैं स्टूडेंट्स को जोडऩे का मकसद उनके मस्तिष्क में पर्यावरण की चेतना जगाना था।
गूगल को दे चुके सुझाव
अमन क्रिएटिविटी के लिए जाने जाते हैं। पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक 'मैती आंदोलन' पर दो साल पहले तैयार फेसबुक फ्रेम को काफी सराहना मिली। जिसके चलते जुलाई 2017 में अमन को गुडग़ांव स्थित गूगल आफिस में सोशल साइट व वेबसाइट से विज्ञापनों के जरिये आमदनी बढ़ाने पर सुझाव देने का मौका मिला था।
Well done baccha lovevu
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