उत्तराखंड की पलायन की पीड़ा किसी से छिपी नहीं है। पलायन के चलते गांव के गांव खाली हो चुके हैं। वर्षों पहले ताले पड़ चुके मकान खंडहर में तब्दील हो रहे हैं। एक सर्वे के मुताबिक उत्तराखंड के 16793 गांवों में तीन हजार से अधिक गांव जनविहीन हो चुके हैं। इस सबके बीच नैनीताल जिले के विवेक भावनाओं व उम्मीद के रंगों के जरिये खाली होते गांवों के प्रति सुखद भविष्य की आस जगा रहे हैं। पहाड़ की जीवन शैली, एतिहासिक व सांस्कृतिक धरोहर को कैनवास पर उतार रहे विवेक देश-विदेश में रहने वाले प्रवासी उत्तराखंडियों के मन में पहाड़ की याद जगा रहे हैं, ताकि अपनी मिट्टी की खुशबू को महसूस करने वाले लोग किसी न किसी बहाने पहाड़ की तरफ लौटे। विवेक की पहल को सोशल मीडिया पर काफी सराहना मिल रही है।
ऐपण उकेरे पुराने घर जगाते हैं नराई
पलायन के चलते पहाड़ के घर खंडहर हो रहे हैं। नैनीताल के बेतालघाट के रहने वाले 25 वर्षीय विवेक बिष्ट 'विरंजन' की खंडहर घरों को दर्शाती पेंटिंग देश-विदेश में रहने वाले लोगों के मन में पहाड़ की नराई जगाते हुए अपने गांव लौटने की अपील करती है। ऐपण से सजी देहरी पर बैठे बुजुर्ग अपनों को बुलाते हुए कहते है कि मानों आपके बगैर घरों की रौनक गायब है।
वाटर कलर का प्रयोग
इलेक्ट्रिकल इंजीनियङ्क्षरग की पढ़ाई करने वाले विवेक ने सात साल पहले शौकिया तौर पर पेंटिंग बनानी शुरू की। बाद में इसे प्रोफेशन बना लिया। अब तक 300 से ज्यादा पेंटिंग बना चुके हैं। विवेक एतिहासिक धरोहरों के साथ कहानी, कविता के लिए चित्रों के जरिये बयां करते हैं।
चित्रकार विजय विश्वाल पसंदीदाविवेक को खुद की बनाई पेंटिंग बहुत पसंद है। कहते हैं कलाकार के लिए कोई पेंटिंग कम या अधिक उपयोग नहीं होती। वह हर चित्र को पूरे शिद्दत से उकेरता है। दूसरे चित्रकारों में विजय विश्वाल विवेक के पसंदीदा हैं।

पलायन के चलते पहाड़ के घर खंडहर हो रहे हैं। नैनीताल के बेतालघाट के रहने वाले 25 वर्षीय विवेक बिष्ट 'विरंजन' की खंडहर घरों को दर्शाती पेंटिंग देश-विदेश में रहने वाले लोगों के मन में पहाड़ की नराई जगाते हुए अपने गांव लौटने की अपील करती है। ऐपण से सजी देहरी पर बैठे बुजुर्ग अपनों को बुलाते हुए कहते है कि मानों आपके बगैर घरों की रौनक गायब है।

इलेक्ट्रिकल इंजीनियङ्क्षरग की पढ़ाई करने वाले विवेक ने सात साल पहले शौकिया तौर पर पेंटिंग बनानी शुरू की। बाद में इसे प्रोफेशन बना लिया। अब तक 300 से ज्यादा पेंटिंग बना चुके हैं। विवेक एतिहासिक धरोहरों के साथ कहानी, कविता के लिए चित्रों के जरिये बयां करते हैं।
चित्रकार विजय विश्वाल पसंदीदाविवेक को खुद की बनाई पेंटिंग बहुत पसंद है। कहते हैं कलाकार के लिए कोई पेंटिंग कम या अधिक उपयोग नहीं होती। वह हर चित्र को पूरे शिद्दत से उकेरता है। दूसरे चित्रकारों में विजय विश्वाल विवेक के पसंदीदा हैं।
श्रीमान जी आपका धन्यवाद इस जानकारी को साझा करने हेतु।
ReplyDeleteशुक्रिया दोस्त..
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