Tuesday, 25 August 2020

बहनों के हुनर ने तैयार की आत्मनिर्भरता की राह, हाथ से तैयार उत्पादों की ऑनलाइन आ रही डिमांड

हौसले बुलंद और इरादे नेक हों तो कामयाबी जरूर मिलती है। हल्द्वानी की रहने वाली बहनें गरिमा और उमा ने कामयाबी के इस सूत्र को सही साबित किया है। अपने हुनर की बदौलत दोनों बहनें क्राफ्ट व पेंटिंग वर्क से पहचान बना रहीं हैं। बड़ी बहन हैंड मेड ग्रीटिंग कार्ड, पेंसिल स्कैच व ऐपण पेंटिंग तैयार करती है और छोटी क्राफ्ट व डिजिटल आर्ट के फन में माहिर है। दोनों ने अपने हुनर को स्वरोजगार का माध्यम बनाया और आॅनलाइन कारोबार में जुट गईं। पेंटिंग व क्राफ्ट में ऐपण का समावेश लोग खूब पसंद कर रहे हैं।

हल्द्वानी के गौजाजाली की रहने वाली गरिमा अधिकारी हरड़िया (26) ने बायोटेक से एमएससी किया है। बहन उमा अधिकारी (24) बीएड की पढ़ाई कर रही हैं। गरिमा ने 2016 में शौकिया तौर पर हैंड मेड कार्ड बनाने का काम शुरू किया। चार-छह माह में ही काम जंच गया और अधिकारी क्राफ्ट वर्क की शुरुआत की। खुद के बनाए कार्ड फेसबुक और स्ट्राग्राम पर डालने लगीं। लोगों को यह पसंद आने लगे और ऑनलाइन डिमांड भेजने लगे। यहां से गरिमा के दिमाग में वोकल फॉर लोकल का आइडिया क्लिक कर गया। 2018 में उमा भी इससे जुड़ी तो ताम में वैरायटी आ गई। 

नौकरी छोड़कर खुद का काम आगे बढ़ाया
गरिमा की शादी हो चुकी है। अब वह कुसुमखेड़ा में रहती हैं। एक ही शहर में होने से दोनों बहनों को काम करने में सहूलियत होती है। गरिमा बताती हैं उन्होंने दो साल दिल्ली में जाॅब की। काम नहीं जमा तो हल्द्वानी लौट आई और अपने काम को गति देने की ठानी। वह कहती हैं लोग सस्ती चीजें पसंद करते हैं, लेकिन हैडमेड होने से कई लोग अच्छी कीमत देने को तैयार रहते हैं। ग्राहकों के रिव्यू, फीडबैक पेज पर डालती हैं। जिससे काम का प्रचार भी अच्छे से हो जाता है। दिल्ली, देहरादून, गाजियाबाद से लोगों की डिमांड आ रही है। 

ये तैयार करती हैं अधिकारी बहनें
दोनों बहनें शादी, नामकरण, सालगिरह आदि के लिए हैंडमेड कार्ड, एक्सक्लोजन बाॅक्स, ग्रीटिंग कार्ड, ऐपण आधारित पेंटिंग, पेंसिल स्कैच, डिजिटिल पोट्रेट आदि तैयार करती हैं।